by pyarishayri - Love Shayri, Zindagi Shayri, प्यारी शायरी - November 25, 2015 पेशानियों पे लिखे मुक़द्दर नहीं पेशानियों पे लिखे मुक़द्दर नहीं मिले दस्तार कहाँ मिलेंगे जहाँ सर नहीं मिले