ना कलम ना दवात

ना कलम ना दवात न कोई सलेट लेना ,
मुझेलिखने को बस तुम मुट्ठी भर रेत लेना ,
हवाओं में फिर रेज़ा रेज़ा बिखरुंगी मैं,
बाहों में भर कर तुम फिर तुम मुझे समेट लेना ……

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