छोड़ा हाथ उसने सरे-राह बस ये कहते हुये,
घर मे बरकत नहीं होती पुरानी चीज़ों के रहते हुये…
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
छोड़ा हाथ उसने सरे-राह बस ये कहते हुये,
घर मे बरकत नहीं होती पुरानी चीज़ों के रहते हुये…