by pyarishayri - Love Shayri, Mosam Shayri, Shayari, WhatsApp Status, Zindagi Shayri, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी, व्हाट्सप्प स्टेटस, शर्म शायरी, हिंदी शायरी - April 13, 2017 ख़त्म हुआ न समझ तू मझे ख़त्म हुआ न समझ, वो तीली भी आधी ही ज़ली थी जिसने जंगल ज़लाया था !