मोहबत करो उस रब से फरेब की जरूरत नही पड़ेगी
माफ़ करेगा लाखो गुनाह कहने की जरूरत नही पड़ेगी|
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
मोहबत करो उस रब से फरेब की जरूरत नही पड़ेगी
माफ़ करेगा लाखो गुनाह कहने की जरूरत नही पड़ेगी|