मुस्कुराने की आदत भी कितनी महँगी पड़ी हमको,….
भुला दिया सब ने ये कह कर की
“तुम तो अकेले भी खुश रह लेते
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
मुस्कुराने की आदत भी कितनी महँगी पड़ी हमको,….
भुला दिया सब ने ये कह कर की
“तुम तो अकेले भी खुश रह लेते