by pyarishayri - Love Shayri, Quotes, Shayari, WhatsApp Status, Zindagi Shayri, प्यारी शायरी - November 25, 2015 बड़ी अारजू थी महबूब को बे नक़ाब बड़ी अारजू थी महबूब को बे नक़ाब देखने की दुपट्टा जो सरका तो ज़ुल्फ़ें दीवार बन गयी