टूटी फूटी कश्ती और एक खुश्क समंदर देखा था….
कल रात झांक के शायद मैंने अपने अंदर देखा था….
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
टूटी फूटी कश्ती और एक खुश्क समंदर देखा था….
कल रात झांक के शायद मैंने अपने अंदर देखा था….