झूठ बोलने का रियाज़ करता हूँ, सुबह और शाम में;
सच बोलने की अदा ने हमसे कई अज़ीज़ छीन लिए।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
झूठ बोलने का रियाज़ करता हूँ, सुबह और शाम में;
सच बोलने की अदा ने हमसे कई अज़ीज़ छीन लिए।