खुली हवाओं की सोहबत बिगाड़ देती है !
कबूतरों को खुली छत बिगाड़ देती है !!
जो जुर्म करते हैं, इतने बुरे नहीं होते !
सज़ा न दे के अदालत बिगाड़ देती है !!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
खुली हवाओं की सोहबत बिगाड़ देती है !
कबूतरों को खुली छत बिगाड़ देती है !!
जो जुर्म करते हैं, इतने बुरे नहीं होते !
सज़ा न दे के अदालत बिगाड़ देती है !!