आज बता रहा हूँ
नुस्खा -ए-मौहब्बत ज़रा गौर से सुनो…
न चाहत को हद से बढ़ाओ न इश्क़ को सर पे चढ़ाओ!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
आज बता रहा हूँ
नुस्खा -ए-मौहब्बत ज़रा गौर से सुनो…
न चाहत को हद से बढ़ाओ न इश्क़ को सर पे चढ़ाओ!