ना कलम ना दवात न कोई सलेट लेना ,
मुझेलिखने को बस तुम मुट्ठी भर रेत लेना ,
हवाओं में फिर रेज़ा रेज़ा बिखरुंगी मैं,
बाहों में भर कर तुम फिर तुम मुझे समेट लेना ……
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
ना कलम ना दवात न कोई सलेट लेना ,
मुझेलिखने को बस तुम मुट्ठी भर रेत लेना ,
हवाओं में फिर रेज़ा रेज़ा बिखरुंगी मैं,
बाहों में भर कर तुम फिर तुम मुझे समेट लेना ……