दिल चाहता है

दिल चाहता है पलट जाऊं आसमाँ की तरफ, मिज़ाज अहले ज़मीं का नही मिलता मुझसे ।

तेरी ओर जाती हवा

तेरी ओर जाती हवा से कहती हूँ मैं, .. .. जरा तुमसे कह देना कि तुम्हे बहुत याद करती हूँ मै..!!

मुहोब्बत थी तो

मुहोब्बत थी तो चाँद अच्छा था … उतर गई तो दाग दिखने लगे…

ख़ाक में यूँ न मिला

ख़ाक में यूँ न मिला ज़ब्त की तौहीन न कर,ये वो आँसू हैं जो दुनिया को बहा ले जाये |

वो इंतक़ाम की ख़ातिर

वो इंतक़ाम की ख़ातिर मेरी तलाश में है मैं उसको ढूंढ रहा हूँ गले लगाने को…

ज़िंदगी ढूँढ ले

ज़िंदगी ढूँढ ले तू भी किसी दीवाने को उस के गेसू तो मिरे प्यार ने सुलझाए हैं!

वो छुअन भी है

वो छुअन भी है .. एहसास भी .. वो ख़्वाब भी है .. ख़याल भी ..

ये बात सच है कि

ये बात सच है कि वो ज़िंदगी नहीं मेरी मगर वो मेरे लिए ज़िंदगी से कम भी नहीं|

हमको मोहलत नहीं मिली

हमको मोहलत नहीं मिली वरना, ज़हर का ज़ायक़ा बताते हम|

खुल सकती हैं

खुल सकती हैं गांठे, बस जरा से जतन से… पर लोग कैंचियाँ चला कर, सारा फ़साना बदल देते हैं !!

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