जोड़ी भी क्या खूब बनाई उस खुदा ने, तु मासूम सी लड़की और मैं शायर बदनाम.……
Category: व्यंग्य शायरी
एक ही ख़्वाब
एक ही ख़्वाब ने सारी रात जगाया है, मैंने हर करवट सोने की कोशिश की………
बडी देर कर दी
बडी देर कर दी मेरा दिल तोडने मे, न जाने कितने शायर आगे चले गये……
एक छोटे से सवाल
एक छोटे से सवाल पे इतनी ख़ामोशी… … सिर्फ इतना ही तो पूछा है..”याद आती है मेरी ???
ये तुम जानो
तहज़ीब, सलीका, अदब, हया, ये तुम जानो,हम तो आशिक लोग हैं बस इश्क किया करते है…!
मोहब्बत थी इसलिए जाने
मोहब्बत थी इसलिए जाने दिया, ज़िद होती तो बाहों में होती…
बस कुछ ऐसी ही
बस कुछ ऐसी ही हो गयी हैं जिंदगी मेरी ना बया कर सके ना फना कर सके
दिल भी एक जिद
दिल भी एक जिद पे अड़ा है किसी बच्चे कि तरह… या तो सब कुछ ही उसे चाहिए या कुछ भी नही…
एक छोटे से सवाल
एक छोटे से सवाल पे इतनी ख़ामोशी… … सिर्फ इतना ही तो पूछा है..”याद आती है मेरी ???
इतनी ठोकरें देने
इतनी ठोकरें देने के लिए, शुक्रिया ए-ज़िन्दगी चलने का न सही, सम्भलने का हुनर तो आ गया…….. !!