पलकों की हद को तोड़ कर दामन पे आ गिरा, एक अश्क़ मेरे सब्र की तौहीन कर गया….
Category: शायरी
अज़ीज़ भी वो हैं
अज़ीज़ भी वो हैं , नसीब भी वो हैं दुनिया की भीड़ मैं करीब भी वो हैं उनके आशीर्वाद से हैं चलती ज़िन्दगी खुदा भी वो हैं और तकदीर भी वो हैं!
मैं जिधर को डूबा था..
मेरा तरीक़ा ज़रा मुख़्तलिफ़ है सूरज से, मैं जिधर को डूबा था.. फिर वहीं से निकलूंगा।
गुफ़्तगू की आरज़ू
गुफ़्तगू की आरज़ू इस ख़ामोश शहर से, किससे ये बात कहे,कोई बोलता ही नही..!!
कौन पूछता है
कौन पूछता है मुकम्मल दास्तानों को, किस्से वही मशहूर होते है, जो अधूरे रह जाते है..!!
ख्त्म कर दी थी
ख्त्म कर दी थी जिन्दगी की हर खुशियाँ तुम पर कभी फुर्सत मिले तो सोचना मोहब्बत किसने की थी|
अजीब सबूत माँगा
अजीब सबूत माँगा उसने मेरी मोहब्बत का, कि मुझे भूल जाओ तो मानूँ मोहब्बत है!
वो चाहते है
वो चाहते है जी भर के प्यार करना, हम सोचते है वो प्यार ही क्या जिससे जी भर जाये..
रात भर चलती रहती है
रात भर चलती रहती है उँगलियाँ मोबाइल पर, किताब सीने पे रखकर सोये हुए एक जमाना हो गया|
चूम कर कफ़न में
चूम कर कफ़न में लपेटे मेरे चेहरे को, उसने तड़प के कहा… नए कपड़े क्या पहन लिए, हमें देखते भी नहीं !!