अजीब सबूत माँगा

अजीब सबूत माँगा उसने मेरी मोहब्बत का, कि मुझे भूल जाओ तो मानूँ मोहब्बत है!

वो चाहते है

वो चाहते है जी भर के प्यार करना, हम सोचते है वो प्यार ही क्या जिससे जी भर जाये..

रात भर चलती रहती है

रात भर चलती रहती है उँगलियाँ मोबाइल पर, किताब सीने पे रखकर सोये हुए एक जमाना हो गया|

चूम कर कफ़न में

चूम कर कफ़न में लपेटे मेरे चेहरे को, उसने तड़प के कहा… नए कपड़े क्या पहन लिए, हमें देखते भी नहीं !!

आजाद कर देंगे तुम्हे

आजाद कर देंगे तुम्हे अपनी चाहत की कैद से, मगर, वो शख्स तो लाओ जो हमसे ज्यादा कदर करे तुम्हारी..

तुम्हारी यादों से

क्या इल्जा़म लगाओगे मेरी आशिकी पर, हम तो सांस भी तुम्हारी यादों से पूछ कर लेते है..

चिट्ठी की तरह है ज़िन्दगी

अब उस चिट्ठी की तरह है ज़िन्दगी, जिसे बिना पता लिखें रवाना कर दिया !!

खुदखुशी करने से

खुदखुशी करने से मुझे कोई परहेज नही है, बस शर्त इतनी है कि फांसी का फंदा तेरे डुपट्टे का हो..

जब जब खुद पर

जब जब खुद पर यकीन किया है हमने, तब तब जिन्दगी ने असली रंग दिखाए हैं अपने

अजीब रंगों में गुज़री है

अजीब रंगों में गुज़री है मेरी ज़िन्दगी, दिलों पे राज किया पर मुहब्बत को तरस गए..

Exit mobile version