हमसफर मेरा तू..
अब…
मंझिल-ऐ-जुस्तजू क्या…??
खुद ही कायनात हूँ…
अब अरमान-ऐ-अंजुमन क्या…???
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
हमसफर मेरा तू..
अब…
मंझिल-ऐ-जुस्तजू क्या…??
खुद ही कायनात हूँ…
अब अरमान-ऐ-अंजुमन क्या…???