चलती हुई “कहानियों” के जवाब तो बहुत हैं मेरे पास…
लेकिन खत्म हुए “किस्सों” की खामोशी ही बेहतर है…
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
चलती हुई “कहानियों” के जवाब तो बहुत हैं मेरे पास…
लेकिन खत्म हुए “किस्सों” की खामोशी ही बेहतर है…