by pyarishayri - Quotes, Shayari, Urdu Shayri, Whatsapp Shayri, WhatsApp Status, Zindagi Shayri, लव शायरी, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी, व्हाट्सप्प स्टेटस, शर्म शायरी, हिंदी शायरी - July 10, 2016 ग़म निकलते हैं ! मसर्रतों के खज़ाने ही कम निकलते हैं ! किसी भी सीने को खोलो तो ग़म निकलते हैं !