हमारी परवाह करते हैं

हम उन्हे रूलाते हैं, जो

हमारी परवाह करते हैं…(माता पिता)
हम उनके लिए रोते हैं, जो

हमारी परवाह नहीं करते…(औलाद )
और, हम उनकी परवाह करते

हैं, जो हमारे लिए कभी नहीं रोयेगें !…(समाज)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *