by pyarishayri - Hindi Shayri, Sad Bewafa Shayri, Sad Shayri, Urdu Shayri, Whatsapp Shayri, लव शायरी, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी, व्हाट्सप्प स्टेटस, शर्म शायरी, हिंदी शायरी - June 9, 2016 खुद को बिखरते खुद को बिखरते देखते हैं कुछ कर नहीं पाते फिर भी लोग खुदाओं जैसी बातें करते हैं