by pyarishayri - Facebook Status, Urdu Shayri, Whatsapp Shayri, लव शायरी, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी, व्हाट्सप्प स्टेटस, शर्म शायरी, हिंदी शायरी - July 8, 2017 न जाने किसका न जाने किसका मुक़द्दर संवरने वाला है वो किताब में एक चिट्ठी छुपा के निकली है|