ज़िन्दगी वक़्त के
साथ बदलती चली
जा रही है,
बचपन की शामें लंबी
हुआ करती थी
अब की शाम
दावे पाँव अँधेरे
के साथ आकर
निकल जाती है..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
ज़िन्दगी वक़्त के
साथ बदलती चली
जा रही है,
बचपन की शामें लंबी
हुआ करती थी
अब की शाम
दावे पाँव अँधेरे
के साथ आकर
निकल जाती है..