by pyarishayri - Mosam Shayri, WhatsApp Status, Zindagi Shayri, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी, व्हाट्सप्प स्टेटस, शर्म शायरी, हिंदी शायरी - April 14, 2017 वो रोज मुझको वो रोज मुझको देती है जीने के मशवरे… और वो खुद अपनी मुठ्ठी में मेरी जान लिये बैठी है|