by pyarishayri - बेवफा शायरी, मौसम शायरी, लव शायरी, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी, व्हाट्सप्प स्टेटस, शर्म शायरी, हिंदी शायरी - March 22, 2017 बटुए को कहाँ मालूम बटुए को कहाँ मालूम पैसे उधार के हैं … वो तो बस फूला ही रहता है अपने गुमान में …