बड़ी गुस्ताख है तेरी यादें, इन्हें तमीज सिखा दो|
दस्तक भी नहीं देती, और दिल में उतर आती हैं|
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
बड़ी गुस्ताख है तेरी यादें, इन्हें तमीज सिखा दो|
दस्तक भी नहीं देती, और दिल में उतर आती हैं|