कहा से मंज़र समेट ले नज़र कहा से उधार मांगे
रिवायतों को न मौत आये तो जिंदगी इंतिशार मांगे|
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
कहा से मंज़र समेट ले नज़र कहा से उधार मांगे
रिवायतों को न मौत आये तो जिंदगी इंतिशार मांगे|