सफ़र-ए-ज़िन्दगी

सफ़र-ए-ज़िन्दगी में
इक तेरे साथ की ख़ातिर..!!उन रिश्तों को भी
नज़रअंदाज़ किया जो हासिल थे..!! ‪

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *