by pyarishayri - प्यार शायरी, प्रेणास्पद शायरी, प्रेरणास्पद कविता, व्यंग्य शायरी - December 5, 2015 बोझ सीने पे बोझ सीने पे बहुत है साहब, पर मुस्कुरा देने में क्या लगता है l