आजकल आम भी खुद ही
गिर जाया करते है पेड़ो से,
क्योंकि उन्हें छिप छिप कर
तोड़ने वाला बचपन जो नहीं रहा !!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
आजकल आम भी खुद ही
गिर जाया करते है पेड़ो से,
क्योंकि उन्हें छिप छिप कर
तोड़ने वाला बचपन जो नहीं रहा !!!