by pyarishayri - 2 Line Shayri, Hindi, Hindi Shayri, Hindi Shayris, Shayari, Shayri, प्यार, प्यार शायरी, प्यारी शायरी, मौसम शायरी, लव शायरी, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी, शायरी, हिंदी, हिंदी शायरी - September 9, 2016 अपना मुक़द्दर ग़म से अपना मुक़द्दर ग़म से बेग़ाना अगर होता तो फिर अपने-पराए हमसे पहचाने कहाँ जाते |