तुम लौट के आयोगे हम से मिलने; रोज दिल को बहलाने की आदत हो गई; तेरे वादे पे क्या भरोसा किया;हर शाम तेरा इंतज़ार करने की आदत हो गई।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
तुम लौट के आयोगे हम से मिलने; रोज दिल को बहलाने की आदत हो गई; तेरे वादे पे क्या भरोसा किया;हर शाम तेरा इंतज़ार करने की आदत हो गई।