by pyarishayri - Facebook Status, Heart Touching Shayri, Hindi Shayri, Sad Bewafa Shayri, Sad Shayri, Urdu Shayri, Whatsapp Shayri, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी, व्हाट्सप्प स्टेटस - June 13, 2016 ज़ख्म कैसे भी हों ज़ख्म कैसे भी हों भर जाते हैं रफ़्ता रफ़्ता ज़िंदगी ठोकरें खा- खा के, संभलती रहती है…