by pyarishayri - Quotes, Sad Shayri, Shayari, Urdu Shayri, WhatsApp Status, Zindagi Shayri, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी, व्हाट्सप्प स्टेटस, शर्म शायरी, हिंदी शायरी - December 22, 2016 सूरज ढला तो सूरज ढला तो कद से ऊँचे हो गए साये कभी पैरों से रौंदी थी यहीं परछाइयां हमने …!!