by pyarishayri - Heart Touching Shayri, Hindi Shayri, Urdu Shayri, Whatsapp Shayri, WhatsApp Status, Zindagi Shayri, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी, व्हाट्सप्प स्टेटस, हिंदी शायरी - June 4, 2016 मिट जाए गुनाह् मिट जाए गुनाह् का आलम ही जहां से, अगर पुख़्ता यकीन हो के रब देख रहा है…॥