सारा दिन गुजर जाता है खुद को समेटने में,
फिर रातको उसकी यादों की हवा चलती हैऔर हम फिर बिखर जाते है…
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
सारा दिन गुजर जाता है खुद को समेटने में,
फिर रातको उसकी यादों की हवा चलती हैऔर हम फिर बिखर जाते है…