by pyarishayri - Shayari, WhatsApp Status, Zindagi Shayri, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी, व्हाट्सप्प स्टेटस, शर्म शायरी, हिंदी शायरी - April 26, 2017 जिंदा रहने पे जिंदा रहने पे तवज्जो ना कोई मिल पाई.. कत्ल होके मै, एक शहर के अखबार में हूँ..