खिलाफत मे ज़िंदगी की ये हश्र भी हो गया,
मकबरा तो बही है पर मुर्दों ने,कब्रस्तान बदल दिये,
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
खिलाफत मे ज़िंदगी की ये हश्र भी हो गया,
मकबरा तो बही है पर मुर्दों ने,कब्रस्तान बदल दिये,