इश्क में सिक्का,,
जब भी उछाला..
जीत मेरी ही हुई
इस तरफ …आप …”ख्वाब” से थे
उस तरफ.. ख्वाब . .”आप” से थे.!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
इश्क में सिक्का,,
जब भी उछाला..
जीत मेरी ही हुई
इस तरफ …आप …”ख्वाब” से थे
उस तरफ.. ख्वाब . .”आप” से थे.!