by pyarishayri - Sad Shayri, Shayari, Urdu Shayri, Whatsapp Shayri, WhatsApp Status, Zindagi Shayri, व्यंग्य शायरी, व्हाट्सप्प स्टेटस, शर्म शायरी, हिंदी शायरी - March 27, 2017 अब अख़रने लगी थी नज़दीकियाँ अब अख़रने लगी थी उन्हें… कुछ यूँ भी मैंने फ़ासलों से दोस्ती कर ली.