by pyarishayri - प्यार शायरी, प्रेणास्पद शायरी, प्रेरणास्पद कविता, प्रेरणास्पद कहानी, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी, व्हाट्सप्प स्टेटस, शर्म शायरी, हिंदी शायरी - December 1, 2016 पैसे गिनने में पैसे गिनने में उस्ताद हैं ये उंगलियाँ… किसी के आंसू पोंछने में ही क्यूँ बेकार है….??