अक्सर ठहर कर देखता हूँ अपने पैरों के निशांन को,!!!
वो भी अधूरे लगते हैं तेरे साथ के बिना…!!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
अक्सर ठहर कर देखता हूँ अपने पैरों के निशांन को,!!!
वो भी अधूरे लगते हैं तेरे साथ के बिना…!!!