मै इश्क का मुफ़्ती तो नहीं..
मगर ये मेरा फतवा है।।।।
जो राह में छोड़ जाए…
वो काफ़िर से भी बदतर है।।।।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
मै इश्क का मुफ़्ती तो नहीं..
मगर ये मेरा फतवा है।।।।
जो राह में छोड़ जाए…
वो काफ़िर से भी बदतर है।।।।