by pyarishayri - Hindi Shayri, Sad Bewafa Shayri, Sad Shayri, Shayri-E-Ishq, Urdu Shayri, Whatsapp Shayri, Zindagi Shayri, लव शायरी, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी, व्हाट्सप्प स्टेटस, शर्म शायरी, हिंदी शायरी - July 12, 2016 बांसुरी से सिख बांसुरी से सिख ले, एक नया सबक ऐ-जिन्दगी, लाख सीने में जख्म हो, फिर भी गुनगुनाती है