by pyarishayri - Facebook Status, Urdu Shayri, Whatsapp Shayri, लव शायरी, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी, व्हाट्सप्प स्टेटस, शर्म शायरी, हिंदी शायरी - May 7, 2017 तेरे बगैर भी तेरे बगैर भी कहती है मुझे जीने को ये जिदंगी भी सही मशविरा नही देती।