by pyarishayri - Shayari, Urdu Shayri, WhatsApp Status, Zindagi Shayri, गुस्ताखियां शायरी, जिंदगी शायरी, दर्द शायरी, लव शायरी, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी - November 29, 2016 जो भी आता है जो भी आता है एक नई चोट देकर चला जाता है, माना मैं मजबूत हूँ लेकिन…… पत्थर तो नहीं.!