दौड़ने दो खुले मैदानों में नन्हे कदमो को..
ज़िन्दगी बहुत भगाती हैं, बचपन गुजरने के बाद..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
दौड़ने दो खुले मैदानों में नन्हे कदमो को..
ज़िन्दगी बहुत भगाती हैं, बचपन गुजरने के बाद..