by pyarishayri - Urdu Shayri, Whatsapp Shayri, लव शायरी, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी, व्हाट्सप्प स्टेटस, शर्म शायरी, हिंदी शायरी - December 19, 2016 कुछ अनछुए ही सही कुछ अनछुए ही सही जज्बात तो है उससे नाकाम ही सही मुहब्बत तो है|