एक मैं हूँ कि समझा नहीं खुद को अब तक…
एक दुनिया है कि ना जाने मुझे क्या-क्या समझ लेती है…!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
एक मैं हूँ कि समझा नहीं खुद को अब तक…
एक दुनिया है कि ना जाने मुझे क्या-क्या समझ लेती है…!!