जब इश्क और क्रांति का
अंजाम एक ही है
तो राँझा बनने से अच्छा है
भगत सिंह बन जाओ…..!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
जब इश्क और क्रांति का
अंजाम एक ही है
तो राँझा बनने से अच्छा है
भगत सिंह बन जाओ…..!!